समुन्दर का शिकारी : सम्राट मार्टिन की सल्तनत(भाग - 15)
रॉन ने बारूद भर लिया है ये जानते ही मॉर्गन थोड़ा घबराया और एकाएक आहिस्ते-आहिस्ते उसके पैर पीछे हटने लगा..दुनिया मे किसी भी चीज से खौफ ना खाने वाला मॉर्गन उस पल अचानक रॉन के उस बन्दूक से खौफ मे था.. रॉन भी आहिस्ते आहिस्ते मॉर्गन की तरफ बढ़ा और फिर मुस्कुरा कर उसने ट्रिगर दबा दिया... एक तेज, भयंकर, दिल दहला देने वाली आग की ज्वाला बन्दूक से निकली और मॉर्गन आग की लपटो मे समा गया... मॉर्गन आग मे जलते हुए जहाज के किनारे की तरफ भागा और रॉन ने एक भाला तुरंत उठाया और मॉर्गन के कमर के नीचे पिछवाड़े के छेद को निशाना बनाकर वो भाला फेका, जो सीधे मॉर्गन के पिछवाड़े मे जा घुसा..
मॉर्गन, आग की लपटो मे समाहित और भाले को अपने पिछवाड़े मे लिए चीखा तो नहीं, पर लंगड़ाते -लंगड़ाते जहाज से सीधे समुन्दर मे कूद गया.. रॉन ने अपने कमर मे रस्सी का एक सिरा बंधा और दूसरा सिरे से विशाल फंदा बनाकर जहाज के किनारे पर आया और उस ड्रैगन के तरफ फेका जिसके पंजे से नायर लटक रहा था...
"अबे तेरी... "जब फंदा ड्रैगन कि तरफ फेकने पर भी वो ड्रैगन नही फंसा तो रॉन बोला... "अबे नामुरादों.. उस तरफ से ड्रैगन पर गोलिया चलाओ ताकि वो मेरी तरफ आए और सालो, नायर को मत मार देना.. जरूरी नहीं कि ड्रैगन पर गोलिया चलाओ.. उसके आस -पास भी चला सकते हुए.. उसे बस इस ओर मोड़ना है..."
जितने लोग बचे थे.. जितनो मे जान बची थी उनमे से कुछ लोगो ने उस ड्रैगन पर गोलिया बरसाने का काम शुरू किया , जिससे वो ड्रैगन रॉन की तरफ यानी जहाज की तरफ मुँह फाड़े हुए मजबूरन बढ़ा... मॉर्गन को जलते हुए उसने देख लिया था और वो अब बेलाडोना पर आखिरी हमला करने वाला था... रॉन भी यही चाहता था, उसने तुरंत ड्रैगन के सर के आकार का फंदा बना करके, गाँठ बांधकर रस्सी को ड्रैगन के सर कि तरफ फेका.. रस्सी मुँह फाड़े बेलाडोना की तरफ बढ़ते हुए ड्रैगन के निचले जबडे मे उसके विशाल दांतो मे फंस गयी
"चलो, अब झूला झूल लिया जाए ..."रस्सी के जबडे मे फसते ही रॉन जहाज के रेलिंग मे खड़ा हुआ... जल्दबाजी ने शराब का दो घूंट पिया और रस्सी पकड़ कर तुरंत बेलाडोना से कूद गया
रॉन के बेलाडोना से नीचे कूदते ही... ड्रैगन भी नीचे खींचने लगा. सब हैरान थे ये देख कर की रॉन अपनी ताक़त से एक ड्रैगन को नीचे समुन्दर की सतह की ओर जाने मे विवश कर दे रहा था.. वो ड्रैगन जिसके जबडे मे वो मोटी से रस्सी फंसी हुई थी वो दर्द से गरजने लगा.... रॉन हवा मे ही रस्सी मे लटके हुए, रस्सी पकड़कर ऊपर चढने लगा... ड्रैगन ने अब भी हार नही मानी थी और अब वो रॉन को ऊपर उड़ने की कोशिश कर रहा था.... उसने अपना सर जोर से झड़का... जिससे रॉन रस्सी के साथ ऊपर उछला.. रॉन के हाथ से रस्सी छूट गई और वो नीचे समुन्दर कि सतह कि ओर गिरने लगा... पर वो नीचे गिरता उससे पहले ही नायर ने ड्रैगन के पंजे मे लटके -लटके ही रस्सी को रॉन कि तरफ किया, जिसे रॉन ने अंततः पकड़ लिया...
और फिर से रस्सी मे ऊपर चढने लगा... इस बार ड्रैगन को इसकी भनक नहीं लगी और रॉन धीरे -धीरे रस्सी मे चढ़ते हुए नायर तक पहुंच गया
"क्या हाल है कप्तान... कैसी रही फ्लाइट "रॉन ने नायर से पूछा...
"माँ ठुकी पड़ी है.. और क्या हाल है "
"जहाज को ड्रैगन की तरफ घुमाओ रे... एक दम इसके ठीक नीचे... फुल स्पीड मे..."रॉन बेलाडोना के जहाजियो से बोला.. लेकिन किसी को रॉन कि आवाज़ सुनाई नहीं दी...
"मै इशारे से कहता हूँ... कोई समझें या ना समझें.. सेठ जरूर समझ जायेगा... क्या कहते हो.."
"यदि ऐसा है तो मेरा मुँह क्या देख रहा है.. दिमाग़ से अंधा है क्या.. जल्दी बोल.. मेरा मतलब.. जल्दी से इशारा कर.. इसके पहले ही ये हमें उड़ाकर यहाँ से दूर ले जाए.. मॉर्गन के जाने के बाद वैसे भी अब ये आसमानी पंछी अपने घोसले मे छिपने के लिए भागेंगे..."
नायर का ड्रैगन के नीचे शिप लाने का इशारा पाकर सेठ कुछ लोगो को लेकर तुरंत कण्ट्रोल रूम मे घुसा और बेलाडोना को फुल स्पीड मे उस ड्रैगन के नीचे ले आया और जब जहाज उस ड्रैगन के नीचे आ गया तो उस ड्रैगन की गति के बराबर ही जहाज की गति रखी.... रॉन ने इधर अपने कमर मे बँधी तलवार निकाली और सीधे ड्रैगन के पंजे मे घुसा दिया... ड्रैगन फिर चिल्लाया और अपने पंजो को झड़का.. जिससे नायर सीधे शिप मे आकर गिरा... चाहता तो रॉन भी शिप मे कूद सकता था, लेकिन उसने नीचे समुन्दर मे तैरते हुए आदित्य को देख लिया था... उसने जहाज की गति कम करने के लिए कहा...
"मै इसे जलाने वाला हूँ... जहाज पीछे ले जाओ.. वरना ये जहाज पर गिरा तो जहाज का कचूमर बन जायेगा.."रॉन चिल्लाया
"लेकिन तुम्हारा क्या होगा..."
"प्रिय जहाजियो.... मुझे समुन्दर का शिकारी यूँ ही नही कहते...... जहाज पीछे करो..."
रॉन ने एक लम्बी सांस ली और फिर ड्रैगन के पंजे मे फसे अपने तलवार को उसके पंजे से निकाला.. ड्रैगन फिर एक बार दर्द से दहाड़ने लगा.. और अपना पैर झटका.. रॉन ने तलवार को अपनी कमर मे फसाया और कमर मे दूसरी तरफ फसे अपने बन्दूक को निकालकर उल्टा समुन्दर मे कूदा और नीचे गिरते हुए ड्रैगन की तरफ बन्दूक करके ट्रिगर दबा दिया....
"हैप्पी दिवाली....boooom.."रॉन बस इतना ही बोला और ड्रैगन आग कि लपटो मे समा गया
वो ड्रैगन धू धू करके जलने लगा, वो जलते हुए कुछ देर आसमान मे उड़ता रहा और फिर आखिर मे थोड़ी देर बाद, थोड़ी दूर जाकर समुन्दर मे गिर गया... सब ड्रैगन को ऐसे चिल्लाता देख, उसे ऐसे तड़पता देख.. वहा जहाज पर जिन्दा बच्चे लोगो के मन को शांति मिल रही थी.. उनके कलेजे को जो ठंडक मिल रही थी.. वो अमोल था. मॉर्गन के जलकर समुन्दर मे गिरने के बाद बाकि के ड्रैगन्स भी वहा से भागने लगे थे... सब यूँ ही समुन्दर मे उस तरफ देखते रहे जिस तरफ वो ड्रैगन जल कर गिरा था....
"अबे सालो... मुझे ऊपर कौन खींचेगा... "इस आवाज़ ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.. सभी बेलाडोना के नीचे देखने लगे. रॉन, आदित्य को अपने कंधे पर टाँगे हुए था.
"अरे रस्सी फेको नीचे.. मुझे क्या आँखे फाड़ फाड़ कर देख रहे हो... समुन्दर का पानी ख़राब है यहाँ, इन ड्रैगन्स का खून मिला हुआ है... और मै शाकाहारी हूँ "रॉन बोला
रॉन और आदित्य को ऊपर लाया गया. ऊपर नायर गोली लगी अपनी टांग सहला रहा था और कुछ लोग उसके पैर से गोली निकालने की तैयारी कर रहे थे. आदित्य ऊपर आते ही वही लेट गया.... जिसे देख रॉन बोला..
"लगता है तुमने बहुत मेहनत की है आज की लड़ाई मे जो इतने थक गए.."
"थैंक्स यार.. तू नही होता तो.. कोई मुझपर ध्यान भी नही देता.. ऊपर लाना तो दूर की बात थी "
आज कि लड़ाई के बाद जहाज मे अब ज्यादा लोग नहीं बचे थे.. बाकी के लोग या तो ड्रैगन के मुँह का निवाला बन चुके थे या फिर मॉर्गन के फरसे से काटे जा चुके थे... रिया ये मार काट देख एक जगह जाकर शांत बैठ गई, इस उलझन मे की उसे यहाँ आना ही नही चाहिए था... यदि वो यहाँ आती ही नही तो ये लोग आज भी सही सलामत अपने घर मे हसीं ख़ुशी ज़िन्दगी बिता रहे होते और राज... उस अजनबी ने रिया कि जान बचाने के लिए अपनी जान दे दी...?? रिया के आँखों के सामने अब भी राज का आंसुओ से छलकता हुआ चेहरा था.. जब फरसा उसके पीठ से होते हुए सीने तक पहुंच गया था... वहा का खून खराबा और सर कटी अनगिनत लाश देख रिया को कई बार उलटी भी आयी और फिर वो अपना चेहरा दूसरी तरफ करके बैठ गई...
"अबे वो ज़िंदा है...? ये कैसे मुमकिन है..."सेठ ने एक तरफ इशारा किया...
सेठ का इशारा मिलते ही बेलाडोना कि मरम्मत और साफ सफाई मे लगे लोग उस ओर देखने लगे जिस ओर सेठ ने इशारा किया था...
राज के पीठ से खून रिसना बंद हो चुका था और उसके शरीर मे हलचल भी हो रही थी... वो अब अपने दोनों हाथो को डेक पर टिका कर उठने का प्रयास कर रहा था. लेकिन उठ नहीं पा रहा था और वापस गिर जाता...
"ये कैसे संभव है.. मॉर्गन के जादुई फरसे ने जिसको एक बार छू तक लिया, फिर वो जिन्दा नही बच सकता..."रॉन, राज की तरफ बढ़ा और राज को सहारा देकर उठाने लगा...
"क्या हुआ, समुन्दर के शिकारी... तुम तो एक ही वार मे धाराशायी हो गए... "रॉन ने ताना मारा... जिसके बाद राज ने रॉन का हाथ झटक दिया...
"ज्यादा मत उड.. वो तो उस सुन्दर कन्या को बचाने के चक्कर मे.. नही तो... मै भी मुकाबला कर सकता था..."
"अच्छा ऐसी बात है, तो फिर तो तु मॉर्गन को अकेले हरा देता.. है ना...??"
रिया की नजर ऊपर उठते हुए राज पर पड़ी, उसने सेठ को इशारा करके राज को सहारा देने के लिए कहा. मन तो रिया का था कि वो दौड़ कर राज के पास जाए और उसे सहारा दे.. लेकिन वहा मौजूद लोगो के कारण और अपनी पोजीशन के कारण वो ऐसा ना कर पाई... राज अपने पीठ और सीने को सहलाते हुए ऊपर उठ रहा था.
"वो क्या बोल रहा था तुझसे.. जो तूने उसको झटक दिया.."सेठ ने राज से पूछा
"मज़ाक उड़ा रहा था मेरा... उसे पता नही की मैने तुम सबकी मालकिन की जान बचाने के खातिर खुद की जान तक की परवाह नही की... ना ही उसकी तरह नायर को मॉर्गन के सामने किया... वो भी धोखा देकर..."
"वो है ही ऐसा.. यदि उसके हथियार हमें मिल जाए, किसी तरह तो फिर वो हमारे किसी काम का नही..."
"ऐसा है तो, मै लाऊंगा उसके हथियार उससे छीनकर.. फिर उसी के आग उगलने वाले हथियार से उसको राख़ मे बदल दूंगा...".
रिया ने राज को अपने कमरे मे शिफ्ट करवाया और कुछ लोगो को ड्रेसिंग वगैरह करने के लिए लेकर वो अपने कमरे मे घुसी जहा राज लेटा हुआ था.. रिया को देख वो उठने की कोशिश करने लगा पर रिया ने उसे ऐसा करने से मना कर दिया...
"तुम जिन्दा कैसे हो.. ये बहुत अजीब है..."एक चेयर खिसका कर बिस्तर के पास बैठते हुए रिया बोली...
"लगता है आप खुश नही, हमें जिन्दा देखकर..."राज मुस्कुराया...
"अरे कैसी बात कर रहे हो...पर ये बहुत अजीब है..."
"अजीब तो मेरे पीठ पर वो निशान है.. जो मुझे कभी मरने नही देता.. "अपने जिस्म से चादर हटा कर राज घूम गया और रिया को अपने पीठ के निशान दिखाने लगा..
रिया एक पल के लिए उन निशांनो को देख स्तम्भ रह गई.. उसका मन कर रहा था की वो राज के पीठ पर बने उन निशानो को छूकर महसूस करें जिसने उसकी जान बचायी है.. जब राज का चेहरा दूसरी तरफ था तो उसने अपना हाथ आगे भी बढ़ाया पर फिर अपना हाथ पीछे खींच लिया और अपने मन को काबू मे करने के लिए वहा से उठकर तुरंत चली गई....
बाहर आकर रिया फिर से उस दरिंदगी भरे नज़ारे को देखने लगी और उसके मन मे फिर वही सवाल की उसे यहाँ नही आना चाहिए था... यही खयाल घूमने लगा...
"क्या सोच रही हो, जानेमन... अब भी समय है, मुझे कप्तान बना दो.."रिया के नीचे के उभारो पर कसकर एक थप्पड़ मारते हुए रॉन पीछे से बोला...
"तू साले... तुम्हारी बेहूदगी की कोई सीमा नही है क्या.."रॉन से दूर होते हुए अपना दाँत पिसकर रिया दबी आवाज़ मे बोली और रॉन को थप्पड़ मारने के लिए तुरंत अपना हाथ उठाया...
"शुक्रिया कहती तो ज्यादा अच्छा रहता.. वैसे आज रात का क्या पिलान है... अच्छा तो थप्पड़ मारना है मुझे...?? याद करी आखिरी बार भी जब तुम मुझे थप्पड़ मारने वाली थी तो ड्रैगन्स का हमला हो गया था... "रिया की तरफ बढ़कर अबकी बार उसके कमर को दोनों हाथो से सहलाते हुए रॉन ने कहा .. रिया ने रॉन का हाथ गुस्से से झटक दिया...
उसे रॉन पर गुस्सा तो बहुत आया, उसका वो खून कर देना चाहती थी.. पर उसकी मजबूरी थी की वो ऐसा नही कर सकती थी... उसने बात बदलना ही बेहतर समझा और इसी बहाने उसे आगे घटने वाली कुछ चीजे भी रॉन से मालूम चल जाती...
"अभी इन सब के लिए वक़्त नही है रॉन... .. हमें तैयार रहना होगा अगले हमले के लिए... पहले सिर्फ ड्रैगन आए, फिर वो मानव ड्रैगन... अबकी बार कौन आएगा...?..."अपने गुस्से को दबाकर रिया बस इतना ही बोली
"उम्म्म्म.. अब कोई नहीं आएगा.. कुछ दिनों तक तो बिल्कुल भी नहीं तब तक हम... मार्टिन के प्राचीन सल्तनत मे प्रवेश कर चुके होंगे और डेविल्स ट्राइंगल की सीमा पर जा लगे होंगे.. वैसे तुमने अभी तक बताया नही की हम वहा जा क्यों रहे है.. तुम्हे डेविल्स ट्राइंगल से आखिर चाहिए क्या...?"रिया कि कमर पकड़ कर उसे अपने से सटा कर रॉन उसकी छातियों कि तरफ जीभ फिराते हुए देखने लगा
"ओके.. मुझे लगता है अब तुम्हे बता ही देना चाहिए.. वरना तुम पूछ पूछ के मेरा सर खा जाओगे.. मेरे कॉलेज के प्रोफेसर है एक.. उनकी रिसर्च समुद्री रहस्य को लेकर है.. उनके अनुसार.. डेविल्स ट्राइंगल के बीचो बीच इतना खजाना दफ़न है की यदि वो तुम्हे मिल जाए तो... तुम इस संसार के सबसे वैभवशाली आदमी बन सकते हो...."
"उस खजाने वाले माल का तो मालूम नही.. पर एक माल अभी मेरे सामने है..."रॉन ने रिया को एक ओर जहाज के अंदर बनी दीवार से सटा दिया और उसके शरीर को मसलने लगा... अपने शरीर से रिया के शरीर को रगड़ने लगा.. उसने तुरंत रिया को पीछे पलटाया और उसके शरीर पर दबाव बनाते हुए उसकी गर्दन व पीठ पर अपने होंठ फिराने लगा..
रिया खून का घूट पीकर रह गई.. उसने खुद को आजाद करने की कोशिश की.. लेकिन नाकामयाब रही.. वो चिल्ला भी नही सकती थी. वरना यदि जहाज के लोगो को पता चल गया तो फिर वो उसे किस तरह से देखेंगे इसकी फ़िक्र उसे ज्यादा थी... रॉन ने रिया के कमर के ऊपरी अंग को ढकने वाले कपडे को ऊपर खिसकाया और कमर के नीचे वाले कंपडे का भी हुक पकड़कर नीचे खिसकाने वाला था कि किसी जहाजी के उस ओर आने का उन दोनों को आभास हुआ ... जिसके कारण रॉन नें रिया को छोड़ दिया... रिया नें तुरंत अपने कपडे ठीक किये...
रॉन वहा से बाहर डेक पर आया तो उसे अपने सामने नायर, आदित्य और सेठ दिखाई दिए... और उसी पल दूसरी तरफ जहाज के अंदर से राज भी आ रहा था... वो अब एकदम नार्मल हो गया था..
"मुझे मालूम है, तुम तीनो मेरा शुक्रिया अदा करने आए हो.. कोई बात नही, अहसान रहा मेरा तुम तीनो तुच्छ प्राणियों पर.."
"शुक्रिया तो हम बहुत अच्छे से अदा करेंगे तेरा..."नायर नें कहा और फिर पीछे से आते हुए राज को आवाज़ दी... "राज जरा शुक्रिया अदा करना तो इसका..."
नायर का इतना कहना था की राज नें एक बन्दूक रॉन के सर से सटा दी... वहा मौजूद सभी लोग ये नजारा देख कर दंग रह गए...
Fauzi kashaf
02-Dec-2021 11:29 AM
Good
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Zaifi khan
30-Nov-2021 06:56 PM
Nice
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Ammar khan
30-Nov-2021 12:05 PM
Nice
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